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आरोपी टीचर के निलंबन की कार्यवाही से नगर के सभी ट्यूशनखोर शिक्षकों में हड़कंप मच गया


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Bijnor:

नगीना:- 14सितम्बर2017 ट्यूशन पढ़ाने के बाद शिक्षक द्वारा छात्र के साथ कुकर्म के प्रयास की घटना के तूल पकड़ने पर मुकदमा कायम होने व आरोपी टीचर के निलंबन की कार्यवाही से नगर के सभी ट्यूशनखोर शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।
बुधवार को एम एम इंटर कॉलेज तथा हिंदू इंटर कॉलेज में समय से पूर्व ही छात्र छात्राओं की छुट्टी कर दी गई और दोनों कॉलेजों के शिक्षकों के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम शिशिर कुमार से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा जिसमें शाहिद अली के विरुद्ध दर्ज दुष्कर्म के प्रयास के मुकदमे की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई। लोगों का मानना है कि ट्यूशनखोर शिक्षकों में इस आशंका को लेकर हड़कंप मचा हुआ है कि इस घटना के बाद प्रशासन व शिक्षा विभाग ट्यूशन पढ़ाने वाले अन्य शिक्षकों के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही कर सकता है। इसलिए दबाव बनाने के लिए निष्पक्ष जांच का बहाना बनाकर ज्ञापन दिया गया है।
गौरतलब है कि सोमवार को एम एम इंटर कॉलेज के शिक्षक शाहिद अली पर कक्षा 11 के एक छात्र ने ट्यूशन पढ़ाने के बाद दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाया था, जिसके बाद हंगामा मच गया। पीड़ित छात्र के पिता द्वारा शाहिद अली के खिलाफ दर्ज कराई गई रिपोर्ट में इस बात का साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि पीड़ित छात्र वहां से तत्काल खुर्रम अली सराय स्थित शाहिद अली के घर पर ट्यूशन पढ़ने चला गया। शाहिद अली पर आरोप है कि ट्यूशन पढ़ाने के बाद उसने 40 बच्चों के बैच में से केवल पीड़ित छात्र को रोक कर बाकी सभी बच्चों को घर भेज दिया और उसके बाद उसने छात्र के साथ अश्लील हरकतें करते हुए दुष्कर्म करने का प्रयास किया। थाने में दर्ज रिपोर्ट में एक ही कॉलेज के दो दो शिक्षकों द्वारा ट्यूशन पढ़ाने की घटना का साफ उल्लेख करने के बाद ट्यूशन पढ़ाने वाले अन्य सभी शिक्षकों में इस बात को लेकर हड़कंप मच गया है, कि अब प्रशासन ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही करेगा। इसी के चलते मंगलवार व बुधवार को अधिकतर शिक्षकों ने ट्यूशन नहीं पढ़ाया।
बताते चलें की माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के शिक्षा निदेशक एवं प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा द्वारा समय समय पर निर्गत किए गया आदेशों में राजकोष से वेतन लेने वाले शिक्षकों द्वारा ट्यूशन पढ़ाने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है । नियम में तो इतना तक है कि यदि कोई प्राइवेट व्यक्ति भी ट्यूशन पढ़ाता है तो उसे अपना कोचिंग सेंटर के रूप में जिला विद्यालय निरीक्षक के यहां पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
पंजीकरण में ट्यूशन पढ़ने वाले छात्रों की संख्या भी लिखी जाती है, जिसके आधार पर पंजीकरण शुल्क जमा होता है। लेकिन राजकोष से वेतन लेने वाला कोई भी शिक्षक किसी भी स्थिति में ट्यूशन नहीं पढ़ा सकता।
पीड़ित छात्र के परिजनों, ग्रामीणों व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा कल मंगलवार को एम एम इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल के समक्ष जबरदस्त हंगामा करने तथा एस ड़ी एम कार्यालय के समक्ष धरना देने के बाद दबाव में आए प्रधानाचार्य रामबहादुर वर्मा ने आरोपी शिक्षक के निलंबन की संस्तूति कर दी मंगलवार की देर शाम कालेज के प्रशाशक व नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी इंद्रपाल सिंह ने आरोपी शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। पुलिस ने भी गिरफ्तारी की कार्यवाही तेज करते हुए एक टीम को आरोपी शिक्षक के पैतृक गांव में दबिश देने के लिए ठाकुरद्वारा भेजा, लेकिन आरोपी शिक्षक हाथ नहीं आया। प्रशासन के कड़े रुख को देखते हुए बड़े पैमाने पर ट्यूशन पढ़ाने वाले सभी अध्यापकों में हड़कंप मच गया और आनन फानन में बुधवार को दोनों कालेज के शिक्षकों ने एस ड़ी एम को ज्ञापन देने का फैसला किया। जिसके लिए दोनों कालेजो की समय से पूर्व छुट्टी कर दी गई । एस ड़ी एम को ज्ञापन देने वालों में एम एम इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रामबहादुर वर्मा, सचिन रुहेला, मनोज कुमार ,दलीप सिंह, नौशाद, अमिचंद यादव, दिनेश कुमार, ए जैदी, चद्रभान सिंह, हिंदू इंटर कॉलेज के रनवीर सिंह, राधे शयाम, पवन त्यागी, यशवीर सिंह , राजेन्द्र सिंह, धीरज कुमार, धीरेंद्र तिवारी सहित लगभग डेढ़ दर्जन शिक्षक शामिल रहे।

छात्र के साथ कुकर्म के प्रयास में नामजद शिक्षक शाहिद अली को बचाने के लिए एकजुट हुए अध्यापकों ने ज्ञापन में पूरे मुकदमें को ही फर्जी करार देते हुए पीड़ित छात्र व उसके पिता के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि शायद अली बेहद चरित्रवान व सम्मानित शिक्षक हैं और एक छात्र व उसके पिता द्वारा शाहिद अली के खिलाफ दर्ज कराए गए झूठे मुकदमें से न केवल शाहिद अली व उसके परिवार की प्रतिष्ठा धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है बल्कि पूरे शिक्षक समाज की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है । ज्ञापन में कहा गया है कि शाहिद अली द्वारा ऐसे कृत्य करने की कल्पना भी नहीं की जा सकती । शिक्षकों ने इस प्रकरण से विभागीय व उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए निष्पक्ष व बिना किसी दबाव के जांच कराने की मांग की तथा चेतावनी दी यदि ऐसा नहीं हुआ तो समस्त शिक्षक आंदोलन करने के लिए विवश होंगे।

Bijnor Kesari