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ए बी वी पी ने अध्यापकों द्वारा ट्यूशन पढ़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की


ABVP_Bijnor_Kesari_News_15-09-17

नगीना:- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने तीन दिन पूर्व छात्र के साथ शिक्षक द्वारा कुकर्म के प्रयास की घटना के लिए ट्यूशन खोरी को जिम्मेदार ठहराते हुए सरकारी अध्यापकों द्वारा ट्यूशन पढ़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम नगीना को ज्ञापन सौपकर कहा यदि प्रशासन ने ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की तो छात्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य देव चौधरी व नगर मंत्री प्रतीक ठाकुर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं, छात्र नेताओं व छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को एसडीएम शिशिर कुमार यादव से मिला। देव चौधरी ने एम एम इंटर कॉलेज के शिक्षक द्वारा अपने ही कॉलेज के छात्र के साथ ट्यूशन पढ़ाने के बाद दुष्कर्म के प्रयास के लिए ट्यूशन खोरी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि विद्यार्थी परिषद ने दो माह पूर्व भी एसडीएम नगीना को ज्ञापन सौंपकर सरकारी वेतन लेने वाले अध्यापकों द्वारा पढ़ाये जा रहे ट्यूशन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने, विद्यालयों में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच कराने तथा विद्यालयों में छात्र छात्राओं को बैठने के लिए उचित फर्नीचर, पंखे, रोशनी, पीने के पानी व शौचालय की समुचित व्यवस्था कराने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया था।
तत्कालीन एसडीएम ने दस दिन में उनकी सभी मांगों पर कार्यवाही करने का आश्वासन भी दिया था। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई । जिससे बड़े पैमाने पर ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों के हौसले बुलंद हो रहे हैं तथा वे निरंकुश तरीके से छात्र छात्राओं को प्रताड़ित कर व डरा धमका कर ट्यूशन पढ़ा रहे हैं और ट्यूशन का आलम यह है कि एक बैच में 40 से 50 विद्यार्थी तक होते हैं।
एसडीएम को सौंपे गये ज्ञापन में विद्यार्थी परिषद ने कहा है कि नगर के तीनों इंटर कॉलेजों हिंदू इंटर कॉलेज, एम एम इंटर कॉलेज व दयानंद वैदिक कन्या इंटर कॉलेज के शिक्षक शिक्षिकाएं पूरी की पूरी क्लास के छात्र छात्राओं को अपने घर पर ट्यूशन पढ़ाते हैं। जबकि इन सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को राजकोष से वेतन मिलता है। कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं को दो से तीन ट्यूशन पढ़ने पड़ते हैं इस प्रकार उनके अभिभावको पर 15 सौ रुपए महीना का अतिरिक्त बोझ पड़ता है।
विद्यार्थी परिषद ने कहा कि प्रशासन व शिक्षा विभाग द्वारा इन ट्यूशन खोर शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही न करने के कारण इनकी निरंकुशता इतनी बढ़ गई कि एक अध्यापक शाहिद अली द्वारा कुकर्म करने के प्रयास की घटना के बाद भी उस अध्यापक के बचाव में सभी ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक लामबंद हो गये और एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर छात्र व उसके के पिता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को की शर्मनाक मांग कर डाली । शिक्षकों के इस व्यवहार ने पूरे शिक्षक समाज को कलंकित किया है।
परिषद के छात्र नेताओं ने एसडीएम से एक जांच पैनल बनाकर इन ट्यूशन खोर अध्यापकों की जांच कराने की तथा कठोर कार्रवाई करने की मांग की, जिससे निरंकुश अध्यापकों पर अंकुश लगाया जा सके। परिषद ने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के अंदर प्रशासन ने ट्यूशन पढ़ाने वाले अध्यापकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की तो विद्यार्थी परिषद छात्रों के साथ अनिश्चितकालीन धरना, प्रदर्शन, बंद व चक्का जाम करेगा।
प्रतिनिधिमंडल में विपुल, फैजान, अतुल, विकास, सचिन, बिट्टू, हर्ष, नवनीत, आशु शर्मा, सनी, हिमांशु, शिवम, नितिन, कपिल, प्रखर, चौधरी, आशु, कविराज, रवि, राठी, गौरव चौहान, विशेष त्यागी, अश्वनी, रजत आदि शामिल रहे।

एसडीएम शिशिर कुमार ने कहा कि वह इस पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र लिखकर ट्यूशन पढ़ाने वाले अध्यापकों के खिलाफ कार्यवाही करने की संस्तूति करेंगे और जिलाधिकारी महोदय को भी रिपोर्ट भेज दी जाएगी। छात्र नेताओं के अड़ जाने पर एसडीएम ने यह भी आश्वासन दिया है कि यदि एक सप्ताह के भीतर शिक्षा विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई तो, वह जिला अधिकारी की अनुमति से खुद अपने स्तर से कार्यवाही करेंगे।

(BIJNOR KESARI)
Bijnor Kesari