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नौकरी लगवाने के नाम पर छह लाख रुपए की ठगी करने का मामला: नगीना


6lakh-forgery-16-09-17

नगीना:- उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन में नौकरी लगवाने के नाम पर छह लाख रुपए की ठगी करने के मामले में अदालत ने तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी,जालसाजी व अमानत में खयानत करने की रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश नगीना पुलिस को दिए है। ठगी गिरोह का मास्टरमाइंड सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी का पुत्र कमल कपूर है। उसके विरुद्ध इससे पूर्व भी न्यायालय 19 अगस्त को सात लाख रुपए की ठगी के मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश नगीना पुलिस को दे चुका है।अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नगीना अरुण कुमार ने नगीना थाना क्षेत्र के ग्राम चमरावाला निवासी संजीव कुमार पुत्र सीताराम के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करने के बाद नगीना पुलिस को विजय कुमार पुत्र मुल्कराज निवासी पंजाबी कॉलोनी नगीना, कमल कपूर पुत्र घनपतराय कपूर (सेवानिवृत्त नगर शिक्षा अधिकारी) वर्तमान निवासी सेक्टर 46 नोएडा व एक अन्य व्यक्ति के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 406, 467, 468, 471 व 506 के तहत अभियोग पंजीकृत करने ओर दस दिन के अंदर न्यायालय में आख्या प्रस्तुत करने के आदेश नगीना थाना पुलिस को दिए हैं।
पीड़ित संजीव कुमार के अधिवक्ता प्रदीप चौधरी के अनुसार एसीजेएम न्यायालय नगीना में धारा 156 (3) के अंतर्गत दिए गए प्रार्थना पत्र में पीड़ित संजीव कुमार ने आरोप लगाया था कि पंजाबी कॉलोनी निवासी विजय कुमार पुत्र मुल्कराज से उसकी पुरानी जान पहचान थी।
जून 2015 में विजय कुमार ने उससे संपर्क कर विद्युत विभाग में सरकारी नौकरी लगाने की बात कहते हुए भरोसा दिलाया तथा उसे धामपुर रोड स्थित कपूर फर्नीचर नामक दुकान पर ले जाकर कमल कपूर पुत्र घनपतराय कपूर तथा एक अन्य अज्ञात व्यक्ति से मिलवा कर विश्वास दिलाया कि सात लाख रुपय देने पर तुम्हारी नौकरी उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लखनऊ में लिपिक के पद पर लगवा दी जाएगी। क्योंकि इन दोनों के लखनऊ में पावर कॉर्पोरेशन में अच्छी जानकारी है। संजीव कुमार ने परिचित होने के नाते विजय कुमार की बातों पर विश्वास करते हुए, अपने पिता सीताराम के बैंक खाते से सात जुलाई 15 को 70 हजार रुपए, 23 दिसंबर 15 को एक लाख 63 हजार रुपए, 16 मई 2016 को एक लाख 67 हजार रुपए, एक जुलाई 16 को एक लाख 80 हजार रुपए निकाल कर व कुछ रुपये अपने रिश्तेदारों से उधार ले कर छः लाख रूपय विजय कुमार व कमल कपूर को दे दिए, रुपए देने के समय उसके साथ अमित राणा व जितेंद्र कुमार भी मौजूद थे।
कुछ दिनों बाद जब उसने नियुक्ति पत्र के बाबत कमल कपूर से बात की तो उसे उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड लखनऊ के लेटर पैड पर जॉइंट सेक्रेटरी व पर्सनल ऑफिसर के हस्ताक्षर वाला नियुक्ति पत्र डाक द्वारा उसके गांव के पते पर पहुचा दिया।
जब वह उक्त नियुक्ति पत्र लेकर जॉइनिंग करने के लिए पावर कॉर्पोरेशन के लखनऊ कार्यालय पहुंचा, तो वहां उसे बताया गया कि विभाग द्वारा ना तो कोई नियुक्तियां निकाली गई, ना ही कोई नियुक्ति की गई है। यह नियुक्ति पत्र जाली, फर्जी व कूट रचित है । तब प्रार्थी को विपक्षियों द्वारा धोखाधड़ी व जालसाजी कर देने का ज्ञान हुआ। प्रार्थी ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। उसके उपरांत तीन जुलाई 2017 को प्रार्थी ने अपना प्रार्थना पत्र रजिस्टर्ड डाक द्वारा पुलिस अधीक्षक बिजनौर व पुलिस उपाधीक्षक नगीना को भेजा। लेकिन तब भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। एसीजेएम नगीना ने प्रार्थना पत्र के साथ प्रस्तुत बैंक पासबुक की छायाप्रति, फर्जी नियुक्ति-पत्र आदि दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद प्रथम दृष्टया इसे अपराध कारित किया जाना प्रतीत होना माना।
मुकदमा दर्ज कर विवेचना के लिए पर्याप्त आधार मानते हुए थाना प्रभारी निरीक्षक नगीना को आदेश दिया है कि सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर विवेचना करें तथा दस दिन के अंदर न्यायालय में आख्या प्रस्तुत करे।ज्ञातव्य है कि कमल कपूर, विजय कुमार तथा चंद्रभान के विरुद्ध एसीजेएम नगीना अदालत 19 अगस्त 2017 को भी जितेंद्र कुमार के मामले में नगीना थाना प्रभारी निरीक्षक को उपरोक्त तीनों आरोपियों के विरुद्ध सात लाख रुपए की धोखाधड़ी, जालसाजी आदि सुसंगत धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दे चुकी है। एक माह के भीतर उनके खिलाफ न्यायालय में दूसरी बार दूसरे मुकदमे में रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।

(BIJNOR KESARI)
Bijnor Kesari